Sankat Mochan Hanuman Ashtak

sankat mochan hanuman ashtak

What is Sankat Mochan Hanuman Ashtak?

Certainly! The “Sankat Mochan Hanuman Ashtak” is a devotional hymn dedicated to Lord Hanuman. It is believed to have been composed by the famous Indian poet-saint Tulsidas. This hymn is chanted or recited by devotees to seek the blessings of Lord Hanuman and to seek relief from various troubles and challenges. Here is the text of the Sankat Mochan Hanuman Ashtak:

 

बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भय काँपें।
भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै।।

 

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।

 

सब पर राम तपस्वी राजा, तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।

 

चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा।
साधु संत कैं तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे।।

 

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।
राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा।।

 

तुम्हरे भजन रामको पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै।
अन्तकाल रघुबर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।

 

और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई।
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

 

जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरुदेव की नाईं।
जो शतबार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई।।

 

This hymn praises Lord Hanuman’s great strength, courage, and devotion to Lord Rama. It is believed to bring relief from various troubles and challenges when recited with faith and devotion. Devotees often chant this Ashtak to seek Lord Hanuman’s blessings and protection.